देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
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जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
राम दुआरे तुम रखवारे। होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।
अर्थ: हे भोलेनाथ आपको नमन है। जिसका ब्रह्मा आदि देवता भी भेद न जान सके, हे शिव आपकी जय हो। जो भी इस पाठ को मन लगाकर करेगा, शिव शम्भु उनकी रक्षा करेंगें, आपकी कृपा उन पर बरसेगी।
जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥
संकट तें हनुमान छुड़ावै। मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।
और देवता चित्त न धरई। हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।।
स पुत्रं धनं धान्यमित्रं कलत्रं विचित्रं समासाद्य मोक्षं प्रयाति ॥
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
शिवलिंग पर कभी भी नारियल का पानी नहीं चढ़ाया जाता website है हालंकि नारियल पूजा में काम में लिया जाता है।